अनिल जनविजय  (चर्चा | योगदान)  | 
				अनिल जनविजय  (चर्चा | योगदान)   | 
				||
| (एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
| पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=खिचड़ी विप्लव देखा हमने / नागार्जुन  | |संग्रह=खिचड़ी विप्लव देखा हमने / नागार्जुन  | ||
}}  | }}  | ||
| − | + | {{KKCatKavita}}  | |
| + | <poem>  | ||
शासक बदले, झंडा बदला, तीस साल के बाद  | शासक बदले, झंडा बदला, तीस साल के बाद  | ||
| − | |||
नेहरू-शास्त्री  और   इन्दिरा  हमें  रहेंगे  याद  | नेहरू-शास्त्री  और   इन्दिरा  हमें  रहेंगे  याद  | ||
| − | |||
जनता बदली, नेता बदले  तीस साल के बाद  | जनता बदली, नेता बदले  तीस साल के बाद  | ||
| − | |||
बदला समर, विजेता बदले तीस साल के बाद  | बदला समर, विजेता बदले तीस साल के बाद  | ||
| − | |||
कोटि-कोटि मतपत्र बन गए  जादू  वाले  बाण  | कोटि-कोटि मतपत्र बन गए  जादू  वाले  बाण  | ||
| − | + | मूर्छित भारत-माँ  के तन में  वापस आए प्राण  | |
| − | मूर्छित भारत-  | + | |
| − | + | ||
प्रभुता  की  पीनक  में  नेहरू  पुत्री  थी बदहोश  | प्रभुता  की  पीनक  में  नेहरू  पुत्री  थी बदहोश  | ||
| − | |||
जन गण मन में दबा पड़ा था बहुत-बहुत आक्रोश  | जन गण मन में दबा पड़ा था बहुत-बहुत आक्रोश  | ||
| − | |||
नसबन्दी  के  ज़ोर-जुलुम  से मचा बहुत कोहराम  | नसबन्दी  के  ज़ोर-जुलुम  से मचा बहुत कोहराम  | ||
| − | |||
किया सभी ने उस शासन को अन्तिम बार  सलाम  | किया सभी ने उस शासन को अन्तिम बार  सलाम  | ||
| − | + | (१९७७)  | |
| − | (१९७७   | + | </poem>  | 
12:07, 18 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण
शासक बदले, झंडा बदला, तीस साल के बाद
नेहरू-शास्त्री  और   इन्दिरा  हमें  रहेंगे  याद
जनता बदली, नेता बदले  तीस साल के बाद
बदला समर, विजेता बदले तीस साल के बाद
कोटि-कोटि मतपत्र बन गए  जादू  वाले  बाण
मूर्छित भारत-माँ  के तन में  वापस आए प्राण
प्रभुता  की  पीनक  में  नेहरू  पुत्री  थी बदहोश
जन गण मन में दबा पड़ा था बहुत-बहुत आक्रोश
नसबन्दी  के  ज़ोर-जुलुम  से मचा बहुत कोहराम
किया सभी ने उस शासन को अन्तिम बार  सलाम
(१९७७)