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"दीदी की आँखों में / रमेश तैलंग" के अवतरणों में अंतर

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पूनम की उजियारी खिली रे जुन्हाई,
+
दीदी लिपस्टिक के नखरे करे
सिर पर चंदोवा तना
+
छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे
हो जी, सिर पर चंदोवा तना
+
  
दूधो नहाए जी महले, दुमहले,
+
दीदी को मिली नई फूलदार साड़ी,
काले-कलूटे दिखे सब रुपहले,
+
छुटकू को मिली तीन पहियों की गाड़ी,
जग-मग हुआ आँगना
+
दीदी कमाऊ है, फैशन करे
हो जी, सिर पर चंदोवा तना
+
छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे
  
अम्माँ रसोई की करके सफ़ाई,
+
दीदी संभालती रहे काला चश्मा,
कोठे पे जा बैठी लेकर चटाई,
+
छुटकू चिल्लाते रहें अम्माँ ! अम्माँ !
बानक ख़ुशी का बना
+
दीदी की आंखों में सपने भरे
हो जी, सिर पर चंदोवा तना
+
छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे
  
भाग बड़े, खुला आकाश पाया,
+
दीदी का सैलफ़ोन बजता ही रहता,
माथे पर है पूरे चाँद का साया,
+
कोई है, जो बातें करता ही रहता,
शीतल, सुखदायी घना ।
+
दीदी हँस-हँस कर क्या बातें करे ?
हो जी, सिर पर चंदोवा तना
+
छुटकू के पल्ले न कुछ भी पड़े
 
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19:50, 7 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

दीदी लिपस्टिक के नखरे करे ।
छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे ।

दीदी को मिली नई फूलदार साड़ी,
छुटकू को मिली तीन पहियों की गाड़ी,
दीदी कमाऊ है, फैशन करे ।
छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे ।

दीदी संभालती रहे काला चश्मा,
छुटकू चिल्लाते रहें अम्माँ ! अम्माँ !
दीदी की आंखों में सपने भरे ।
छुटकू डोलें मुँह में मिट्टी भरे ।

दीदी का सैलफ़ोन बजता ही रहता,
कोई है, जो बातें करता ही रहता,
दीदी हँस-हँस कर क्या बातें करे ?
छुटकू के पल्ले न कुछ भी पड़े ।