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"पिछाण / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर

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जद स्यूं हुई है स्याणी
 
जद स्यूं हुई है स्याणी
 
दीठ री छोरी पिछाण  
 
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बारे पड्ग्यो छोरी रो पग
 
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अबे काईं हुवे ?
 
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22:19, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

जद स्यूं हुई है स्याणी
दीठ री छोरी पिछाण
फिरे है डरूं फरूं सा हुयोड़ा
आज ताईं सागे रम्योड़ा
बापड़ा बाल्गोटिया अरथ
धोलो धोलो सगलो ही
दूध हो पेली
अबे नुवें भायले
मन से सिखायाँ गेली
कांच रा टुकडा में ही
फरोवन लागगी
कच्कोल्यां'र हीरा
झूठ रे परवानें सारु
कर'र नाख दिया
साच रा लीरा लीरा
देख देख'र जायोड़ी रा कुलछ
घणु ही बले
दीठ रो पेट
बारे पड्ग्यो छोरी रो पग
अबे काईं हुवे ?