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"भायला ! / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर
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Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: <poem>कैड़ा बरस्या ए लोर भायला ! घर-आंगन ऊग्यो थोर भायला ! दूध नै छाछ …) |
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16:51, 27 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण
कैड़ा बरस्या ए लोर भायला !
घर-आंगन ऊग्यो थोर भायला !
दूध नै छाछ बता दाम धामै,
गळी-गळी ऊभा चोर भायला !
दो दाणा में करामात ठाडी,
टूटियो सत भूल्या जोर भायला !
कंठां तांई आया म्हैं तो अबै,
आ ई है जे बा भोर भायला !
आ बातां सूं मन बिलमै कोनी,
बात कोई नुंवी टोर भायला !