भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तारामीरौ / रामस्वरूप किसान" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामस्वरूप किसान |संग्रह=आ बैठ बात करां / रामस्व…) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=आ बैठ बात करां / रामस्वरूप किसान | |संग्रह=आ बैठ बात करां / रामस्वरूप किसान | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatRajasthaniRachna}} | |
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
<Poem> | <Poem> | ||
− | |||
च्यार काळां पछै | च्यार काळां पछै | ||
बरस्यो बेरूतौ | बरस्यो बेरूतौ | ||
पंक्ति 29: | पंक्ति 28: | ||
अर तीजै ई म्हीनैं | अर तीजै ई म्हीनैं | ||
रोटी में बदळग्यौ। | रोटी में बदळग्यौ। | ||
− | |||
</Poem> | </Poem> |
13:10, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
च्यार काळां पछै
बरस्यो बेरूतौ
काम आ सकै
किसौ बीज
उतरतै पौ‘-
किरसौ दोगाचीन्ती में पड़ग्यौ-
बीजां रा
न्योरा काढ़या
सगळा ई नटग्या
कणक, चिणां, जौ, सरसूं
पाछा हटग्या
इसै में
छाती ठोक
हांडी सूं
बारै आयौ तारामीरौ
अर देखतां-देखतां
किरसै सारू
माटी में रळग्यौ
अर तीजै ई म्हीनैं
रोटी में बदळग्यौ।