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सत्य अंहिसा के रखवाले,
 
सत्य अंहिसा के रखवाले,
 
गाँधी जी का चित्र बनाएँ,
 
गाँधी जी का चित्र बनाएँ,
इन चित्रों पर दिन जलाएँ,
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इन चित्रों पर दिए जलाएँ,
 
आओ हम सब चित्र बनाएँ।
 
आओ हम सब चित्र बनाएँ।
  

18:30, 6 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण


चित्र बनाएँ

आओ हम सब चित्र बनाएँ।
इन चित्रों में घुल-मिल जाएँ।।

आजादी का शंखनाद कर,
सोया राष्ट्र जगाने वाले,
दुःखियों को सहलाने वाले,
सबको गले लगाने वाले,
सदा नेह बरसाने वाले,
सत्य अंहिसा के रखवाले,
गाँधी जी का चित्र बनाएँ,
इन चित्रों पर दिए जलाएँ,
आओ हम सब चित्र बनाएँ।

मातृभूमि की आजादी हित,
बंदूकों की फसल उगाते,
गौरों के छक्के छुडवाते,
लाठी, गोली, फांसी खाते,
तनिक न कष्टों से घबराते।
वीर सावरकर, भगतसिंह,
बिस्मिल, ‘‘ आजाद ’’ का चित्र बनाएँ
इन चित्रों को खूब सजाएँ।

आओ हम सब चित्र बनाएँ।
लाल बाल और पाल सरीखे,
अंग्रेजो से टक्कर लेते,
सिर पर कफन बांध कर चलते,
रक्त के बदले में भारत की,
आजादी का सौदा करते।
आजादी हिंद के वीर जवानों,
नेताजी का चित्र बनाएँ
इन चित्रों पर पुष्प चढ़ाएँ।
आओ हम सब चित्र बनाएँ।

आजाद देश की आजादी हित,
निज अस्तित्व मिटाने वाले,
बैरी के भीषण हमलों सें,
भारत माँ को बचाने वाले।
देश पे मर मिटने वाले,
अगणित वीरों को शीश नवाएँ,
अमर शहीदी चित्र बनाएँ
इन चित्रों में घुल-मिल जाएँ।
आओ हम सब चित्र बनाएँ।