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(10) काव्य विविधा & (जवाब - मालदेव का। जयमल नए डिजाईन की ना देखीभाली, साड़ी तनै कितै मंगवाली ।। टेक ।।)
जयमल नए डिजाईन की ना देखीभाली, साड़ी तनै कितै मंगवाली॥ टेक॥
इस साड़ी नै बांधण आली, पार्वती भोले की,
सिंग्लदीप की पदमनी सै, कोए रुक्के-रोले की,
नारद का डिगाया ध्यान, वाहे विश्वमोहनी चाहिए,
हूर कोए परिस्तान की, चाहिए बांधण आली,
साड़ी तनै कीतै मंगवाली ।।मंगवाली॥
साड़ी पै भारत का नक्शा, छाप दिया प्राचीन,
खिंच रेखा लछमन चाल्या, आया लंका का सरदार,
फेर वा सिता जानकी, रावण नै ठाली,
साड़ी तनै कीतै मंगवाली ।।मंगवाली॥
साड़ी ऊपर जहाज किश्ती, चालै सै अगनबोट,
मोर-पपैइये कोयल कुकै, माली देखै मींह की बाट,
चमकै बिजली आसमान की, घोर घटा काली,
साड़ी तनै कीतै मंगवाली ।।मंगवाली॥
स्याहमी कड़ै सुखादी साड़ी, आंख्या मै चमकारा लाग्या,
साड़ी ऊपर नाम लिख्या, राजेराम लुहारी आला,
किसे कारीगर इन्सान की, कोए सै इस्तेमाली,
साड़ी तनै कीतै मंगवाली ।।मंगवाली॥
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