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क्रांति / आईदान सिंह भाटी

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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=आईदान सिंह भाटी|संग्रह=}}[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]{{KKCatKavita‎}}<poemPoem>वह आयेगीआएगीपर आयेगी आएगी किसी की पीठ पर चढ़करक्यों कि वह है लगड़ीलंगड़ी
सब इन्तजार इन्तज़ार कर रहे हैं उसका ;
आकाश से नहीं
दिलों में उठ रहे हैं बवंडर
उथल-पुथल मची हुई है
लोग उठाने लगे हैं
राज्य, धर्म पर अंगुली अँगुली
'''अनुवाद : मोहन आलोक'''
</poem>
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