गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
एक आदमी होता था / अजेय
82 bytes added
,
05:41, 25 दिसम्बर 2010
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अजेय
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>पहले एक
गोरेय्या
गौरैया
होती थी
एक आदमी होता था
लेकिन आदमी इतना ऊँचा उड़ा
कि
गोरेय्या
गौरैया
खो गई!
पहले एक पहाड़ होता था
.... पहले एक आदमी होता था.
04
मई
4,
2010
.
,
कुल्लू
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,129
edits