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"शोषक रे अविचल ! / मनुज देपावत" के अवतरणों में अंतर

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भार-वाहिनी धरा ,
 
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किन्तु तुमको ल़े लज्जित !
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अरे नरक के कीट!,वासना-पंक-निमज्जित!
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अरे नरक के कीट!, वासना-पंक-निमज्जित!
  
 
मृत मानवता के अधरों पर ,
 
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वसुंधरा पर कौन पड़े ,तुम शेष नाग से !
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वसुधा के वपु पर रे !
 
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कलुष दाग तुम निश्चल !
 
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शोषक रे ! दुर्दांत -दस्यु !, गर्वोन्नत प्रतिपल !
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शोषक रे ! दुर्दांत-दस्यु !, गर्वोन्नत प्रतिपल !
 
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11:56, 12 जनवरी 2011 का अवतरण

शोषक रे अविचल !

शोषक रे अविचल !
अजेय! गर्वोन्नत प्रतिपल !
लख तेरा आतंक त्रसित हो रहा धरातल !

भार-वाहिनी धरा ,
किन्तु तुमको ले लज्जित !
अरे नरक के कीट!, वासना-पंक-निमज्जित!

मृत मानवता के अधरों पर ,
मृत्यु-झाग से !
वसुंधरा पर कौन पड़े, तुम शेष नाग से !

वसुधा के वपु पर रे !
कलुष दाग तुम निश्चल !
शोषक रे ! दुर्दांत-दस्यु !, गर्वोन्नत प्रतिपल !