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* [[आँखों को मेरी चाँद सुनहरा दिखाई दे / सिराज फ़ैसल ख़ान]] | * [[आँखों को मेरी चाँद सुनहरा दिखाई दे / सिराज फ़ैसल ख़ान]] | ||
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* [[डूब गया मैं यार किनारे पर वादों की कश्ती में / सिराज फ़ैसल ख़ान]] | * [[डूब गया मैं यार किनारे पर वादों की कश्ती में / सिराज फ़ैसल ख़ान]] | ||
* [[जिधर भी देखिए बस ख़ून का सैलाब दिखता है / सिराज फ़ैसल ख़ान]] | * [[जिधर भी देखिए बस ख़ून का सैलाब दिखता है / सिराज फ़ैसल ख़ान]] | ||
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+ | * [[मेरे बारे मेँ अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख / सिराज फ़ैसल ख़ान]] | ||
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+ | * [[दर्द मेँ भी अपने चेहरे को तुम हँसता रखना / सिराज फ़ैसल ख़ान]] | ||
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सिराज फ़ैसल ख़ान
जन्म | 10 जुलाई 1991 |
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जन्म स्थान | ग्राम महानदपुर, गन्धरपुर, तहसील पुवायाँ, ज़िला शाहजहाँपुर, उत्तरप्रदेश, भारत । |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
सिराज फ़ैसल ख़ान / परिचय |
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- घोटाले करने की शायद दिल्ली को बीमारी है / सिराज फ़ैसल ख़ान
- बाद इसके मुझे ग़म दे के रुलाया जाए / सिराज फ़ैसल ख़ान
- रोज़ नया इक ख़्वाब सजाना भूल गए / सिराज फ़ैसल ख़ान
- तेरे बाद मौसम सुहाने नहीं हैं / सिराज फ़ैसल ख़ान
- गिर के उठने में सम्भलने में बहुत वक़्त लगा / सिराज फ़ैसल ख़ान
- आँखों को मेरी चाँद सुनहरा दिखाई दे / सिराज फ़ैसल ख़ान
- उनकी गली मेँ जाता हूँ तो / सिराज फ़ैसल ख़ान
- डूब गया मैं यार किनारे पर वादों की कश्ती में / सिराज फ़ैसल ख़ान
- जिधर भी देखिए बस ख़ून का सैलाब दिखता है / सिराज फ़ैसल ख़ान
- गाँधी जी को गाँवों में दिखता था हिन्दुस्तान / सिराज फ़ैसल ख़ान
- अपने अन्जाम का कब किसको पता होता है / सिराज फ़ैसल ख़ान
- अजीब दर्द लिये फिर रहा हूँ प्यार में मैं / सिराज फ़ैसल ख़ान
- गाँव की धूल भरी गलियों से शहर की सड़कों तक / सिराज फ़ैसल ख़ान
- रूठे हुए लोगों को मनाना नहीं आता / सिराज फ़ैसल ख़ान
- तेरे शहर से जाने की हर कोशिश नाकाम हुई / सिराज फ़ैसल ख़ान
- भूल सकते तुम्हें तो कब का भुला देते हम / सिराज फ़ैसल ख़ान
- फूलों की तुम हयात हो तारों का नूर हो / सिराज फ़ैसल ख़ान
- हादसे सबकी ही क़िस्मत में, लिखूँ किस-किस पर / सिराज फ़ैसल ख़ान
- आग सीने में मोहब्बत की लगा देते हैं / सिराज फ़ैसल ख़ान
- मैं बड़ा हो गया / सिराज फ़ैसल ख़ान
- जब तुम जुदा हुए / सिराज फ़ैसल ख़ान
- कफ़्न पर आँसू गिराना छोड़ दे / सिराज फ़ैसल ख़ान
- मेरे बारे मेँ अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख / सिराज फ़ैसल ख़ान
- मैँ रोता हूँ मेरे रोने को सब नकली समझते हैँ / सिराज फ़ैसल ख़ान
- दर्द मेँ भी अपने चेहरे को तुम हँसता रखना / सिराज फ़ैसल ख़ान
- आप जब आँखोँ मेँ आकर बैठ जाते हैँ / सिराज फ़ैसल ख़ान
- / सिराज फ़ैसल ख़ान
- / सिराज फ़ैसल ख़ान
- / सिराज फ़ैसल ख़ान
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