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"आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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|विविध= ग़ज़ल जैसी ही रचना पर आधारित इस पुस्तक की कविताओं के लिए कवि ने नया नाम पंचलड़ी दिया, इसी नाम को नवीन विधा के रूप में स्वीकारते हुए कवि ओम पुरोहित "कागद" ने इसी नाम से पुस्तक प्रकाशित करवाई है जि स विद्या के विकास के रूप में देखी जा रही है ।   
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|विविध= ग़ज़ल जैसी ही रचना पर आधारित इस पुस्तक की कविताओं के लिए कवि ने नया नाम पंचलड़ी दिया, इसी नाम को नवीन विधा के रूप में स्वीकारते हुए कवि ओम पुरोहित "कागद" ने इसी नाम से पुस्तक प्रकाशित करवाई है जिसे इस विद्या के विकास के रूप में देखा जा सकता है ।   
 
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*[[अगूण गोखै ऊभी बडभागण देखो / सांवर दइया]]  
 
*[[अगूण गोखै ऊभी बडभागण देखो / सांवर दइया]]  

18:32, 10 अप्रैल 2011 का अवतरण

आ सदी मिजळी मरै
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रचनाकार सांवर दइया
प्रकाशक नेगचार प्रकाशन, बीकानेर
वर्ष 30 जुलाई, 1996
भाषा राजस्थानी
विषय कविता
विधा पंचलड़ी
पृष्ठ 80
ISBN
विविध ग़ज़ल जैसी ही रचना पर आधारित इस पुस्तक की कविताओं के लिए कवि ने नया नाम पंचलड़ी दिया, इसी नाम को नवीन विधा के रूप में स्वीकारते हुए कवि ओम पुरोहित "कागद" ने इसी नाम से पुस्तक प्रकाशित करवाई है जिसे इस विद्या के विकास के रूप में देखा जा सकता है ।
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