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(नया पृष्ठ: पुल पिछवाड़े पिपली रे, गहरा गहरा पान ओ समधन घुंघटो काढ्या रे, थे क…) |
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पुल पिछवाड़े पिपली रे, गहरा गहरा पान | पुल पिछवाड़े पिपली रे, गहरा गहरा पान | ||
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ओ समधन घुंघटो काढ्या रे, थे कठ चाल्या | ओ समधन घुंघटो काढ्या रे, थे कठ चाल्या | ||
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मार्ग विचाले कुपरी रे, जाँको ऊँची पाल | मार्ग विचाले कुपरी रे, जाँको ऊँची पाल | ||
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ओ समधन ....... | ओ समधन ....... | ||
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घर के आगे ढोली बैठ्या, ढोली ढोल बजावे | घर के आगे ढोली बैठ्या, ढोली ढोल बजावे | ||
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समधन का पग थिरकन लाग्या, समधी ताल बजावे | समधन का पग थिरकन लाग्या, समधी ताल बजावे | ||
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समधी जी की पदमनी रे, आभा की सी बिजरी | समधी जी की पदमनी रे, आभा की सी बिजरी | ||
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झपको देकर निसरी रे, समधी गयो रे रीझ | झपको देकर निसरी रे, समधी गयो रे रीझ | ||
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ओ समधन ..... | ओ समधन ..... | ||
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समधन जी सिनेमा चाली, समधी ने समझायो | समधन जी सिनेमा चाली, समधी ने समझायो | ||
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चोके में ऑटो पड्यो है, फलका पोकर खाओ | चोके में ऑटो पड्यो है, फलका पोकर खाओ | ||
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ओ समधन .... | ओ समधन .... | ||
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हाथी से हथनी लड़े रे, दरवाजे के बीच | हाथी से हथनी लड़े रे, दरवाजे के बीच | ||
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समधी से समधन लड़े रे, देकर बैठी पीठ | समधी से समधन लड़े रे, देकर बैठी पीठ | ||
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ओ समधन .... | ओ समधन .... | ||
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रून-झुन बाजे घाघरा रे, ठुमकत चाले चाल | रून-झुन बाजे घाघरा रे, ठुमकत चाले चाल | ||
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मन समधी को गयो हाथ से, पढ़ गयी मुहँ से लार | मन समधी को गयो हाथ से, पढ़ गयी मुहँ से लार | ||
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ओ समधन ... | ओ समधन ... | ||
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10:48, 27 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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पुल पिछवाड़े पिपली रे, गहरा गहरा पान
ओ समधन घुंघटो काढ्या रे, थे कठ चाल्या
मार्ग विचाले कुपरी रे, जाँको ऊँची पाल
ओ समधन .......
घर के आगे ढोली बैठ्या, ढोली ढोल बजावे
समधन का पग थिरकन लाग्या, समधी ताल बजावे
समधी जी की पदमनी रे, आभा की सी बिजरी
झपको देकर निसरी रे, समधी गयो रे रीझ
ओ समधन .....
समधन जी सिनेमा चाली, समधी ने समझायो
चोके में ऑटो पड्यो है, फलका पोकर खाओ
ओ समधन ....
हाथी से हथनी लड़े रे, दरवाजे के बीच
समधी से समधन लड़े रे, देकर बैठी पीठ
ओ समधन ....
रून-झुन बाजे घाघरा रे, ठुमकत चाले चाल
मन समधी को गयो हाथ से, पढ़ गयी मुहँ से लार
ओ समधन ...