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"एक चिड़िया उसके भीतर / पूरन मुद्गल" के अवतरणों में अंतर
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+ | क्योंकि रोज आ बैठती | ||
+ | एक चिडि़या उसके भीतर। | ||
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23:12, 30 अप्रैल 2011 का अवतरण
कैसे रहे होंगे वे हाथ
जिन्होंने चिडि़या का चित्र बनाया
बहुत बार उड़े होंगे/आकाश की ऊंचाईयों में
कितनी बार सुनी होगी
चिडि़या की चहक
बच्चे की तुतली मिठास में
और
सारी उम्र किया होगा
चिडि़या-सा घोंसला बनाने का जतन
उड़ती
चहकती
तिनके चुनती
घोंसला बनाती चिडि़या
घोंसले से गिरते कुछ तिनके
वह
उठाता
सहेजता
और
करता रहता
चिडि़या-सा घोंसला बनाने का अभ्यास
क्योंकि रोज आ बैठती
एक चिडि़या उसके भीतर।