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"प्रीत-24 / विनोद स्वामी" के अवतरणों में अंतर

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आपणी भोत-सी बात  
 
कविता सूं आगै री है।
 
कविता सूं आगै री है।
 
अबी कोनी कविता कनै बा सगती  
 
अबी कोनी कविता कनै बा सगती  

21:12, 18 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

आपणी भोत-सी बात
कविता सूं आगै री है।
अबी कोनी कविता कनै बा सगती
कै सगळी बात बीं में समा जावै।
जदी तो आखरां रै बिचाळै
खाली धरती पर तूं
तेरी बात
हेत
महसूस करूं म्हैं
अर तेरै भाऊं तो
मेरी कविता फगत काळा आखर है।
जदी तो तूं
काळै आखरां बिचाळै
खड़ी मुळकै म्हारै कानी
तेरी ओळ्यूं
मेरी कविता रै खेत में
अड़वै री भांत खड़ी
रुखाळै
सबद री खेती
अर भरै कविता रा बखार।