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कुछ उन्हें मेरा ध्यान हो भी तो / गुलाब खंडेलवाल
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20:12, 6 जुलाई 2011
मेरी ग़ज़लों में ढूँढ़ लेना मुझे
नहीं कोई निशान हो भी तो
!
रंग तो है नया, गुलाब! मगर
लोग क्यों लेंगे मान, हो भी तो
!
<poem>
Vibhajhalani
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