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हमने माना कि तुम हो हमारे, याद करते रहोगे हमेशा
दूर जाने की बीतें बातें हैं पर ये, पास आने की बातें नहीं है
ज़िन्दगी खींच कर खींचकर हमको लायी किन सुलगती हुई बस्तियों में
होठ हँस भी रहे हों मगर अब मुस्कुराने की बातें नहीं है
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