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ख़ूब था तेरा मुस्कुरा देना
सैंकडों सैकड़ों छेद हैं इसमें मालिक!
अब ये प्याला ही दूसरा देना
दिल से मुश्किल था पर भुला देना
आख़िरी वक्त वक़्त देख तो लें गुलाब
रुख़ से परदा ज़रा हटा देना
<poem>
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