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उन्हींकी राह में मरना कहीं होता तो क्या होता! / गुलाब खंडेलवाल
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19:36, 7 जुलाई 2011
जहाँ पर ज़िन्दगी है, मै वहीं होता तो क्या होता!
बहुत से
वक्त
वक़्त
ऐसे भी कटे हैं जब कि घबराकर
ये सोचा मैंने मन में, मैं नहीँ होता तो क्या होता!
Vibhajhalani
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