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कहाँ पर हमको उम्मीदों ने लाके छोड़ दिया / गुलाब खंडेलवाल
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19:42, 22 जुलाई 2011
छलकता और ही उनपर है आज प्यार का रंग
किसी ने
किसीने
दूध में केसर मिलाके छोड़ दिया
भले ही प्यार ने हमको बना दिया था गुलाब
उन्होंने आँख का काँटा बनाके छोड़ दिया
<poem>
Vibhajhalani
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