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(नया पृष्ठ: '''‘कविता कोश’ पुस्तिका के पन्नों पर योगदानकर्ता''' आलेखः अशोक कुम…)
 
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कविताकोश प्रकाशन द्वारा पाँच वर्ष का सफर पूरा करने पर एक पुस्तक प्रकशित करायी गयी है। इस प्रकाशित पुस्तक में योगदानकर्ताओं को सर्वाधिक महत्व देते हुये एक प्रमुख योगदानकर्ता आशा खेत्रपाल जी से इसके लिये इसकी प्रस्तावना लिखवायी गयी है। 10 फरवरी 2011 को प्रकाशन की इस अनूठी पहल के प्रति साधुवाद अंकित करते हुये आशा जी ने लिखा हैः-
 
कविताकोश प्रकाशन द्वारा पाँच वर्ष का सफर पूरा करने पर एक पुस्तक प्रकशित करायी गयी है। इस प्रकाशित पुस्तक में योगदानकर्ताओं को सर्वाधिक महत्व देते हुये एक प्रमुख योगदानकर्ता आशा खेत्रपाल जी से इसके लिये इसकी प्रस्तावना लिखवायी गयी है। 10 फरवरी 2011 को प्रकाशन की इस अनूठी पहल के प्रति साधुवाद अंकित करते हुये आशा जी ने लिखा हैः-
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‘‘...इस पुस्तक के लिये प्रस्तावना किसी तो किसी नामी साहित्यकार से लिखवाई जा सकती थी फिर यह सम्मान मुझे क्यों दिया जा रहा है । जब मैने इस बारे में ललित से पूछा तो उन्होंने कहा कि कविताकोश के किसी प्रयोक्ता से ही प्रस्तावना लिखवाना चाहते हैं। कविताकोश और इस पुस्तक का वास्तविक व ईमानदार आंकलन कोश का कोई प्रयोक्ता ही कर सकता है। आज जब मैने प्रस्तावना लिखने के लिये कलम उठा ली है तो लिखते समय मेरा मन गौरव अनुभव कर रहा है।....’’
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'''''''''मोटा पाठ''''''
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इसके अतिरिक्त कोश के योगदानकर्ताओं के लिये एक पृथक अध्याय भी लिखा गया है जिसमें सर्वाधिक रचनाऐं जोडकर योगदान करने वाले सात प्रमुख योगदानकर्ताओं का सचित्र परिचय प्रकाशित किया गया है ।
 
इसके अतिरिक्त कोश के योगदानकर्ताओं के लिये एक पृथक अध्याय भी लिखा गया है जिसमें सर्वाधिक रचनाऐं जोडकर योगदान करने वाले सात प्रमुख योगदानकर्ताओं का सचित्र परिचय प्रकाशित किया गया है ।
 
कोश में पचास से अधिक रचनाऐं जोडने वाले अन्य बाइस योगदानकर्ताओं का भी ससम्मान उल्लेख किया गया है। जिन योगदानकर्ताओं द्वारा स्वयं रचनाऐं न जोड़कर उसे कविताकोश टीम के माध्यम से कोश में जोड़ा है ऐसे ग्यारह योगदानकर्ताओं के नाम भी प्रमुखता से उद्धृत किये गये हैं।
 
कोश में पचास से अधिक रचनाऐं जोडने वाले अन्य बाइस योगदानकर्ताओं का भी ससम्मान उल्लेख किया गया है। जिन योगदानकर्ताओं द्वारा स्वयं रचनाऐं न जोड़कर उसे कविताकोश टीम के माध्यम से कोश में जोड़ा है ऐसे ग्यारह योगदानकर्ताओं के नाम भी प्रमुखता से उद्धृत किये गये हैं।
 
कोश से जुडने वाले नये योगदानकर्ताओं की सहायता की दृष्टि से कम्प्यूटर पर हिंदी में कैसे लिखे ? नामक एक पृथक अध्याय भी जोडा गया है।
 
कोश से जुडने वाले नये योगदानकर्ताओं की सहायता की दृष्टि से कम्प्यूटर पर हिंदी में कैसे लिखे ? नामक एक पृथक अध्याय भी जोडा गया है।

15:38, 16 जुलाई 2011 का अवतरण

‘कविता कोश’ पुस्तिका के पन्नों पर योगदानकर्ता

आलेखः अशोक कुमार शुक्ला

कविताकोश प्रकाशन द्वारा पाँच वर्ष का सफर पूरा करने पर एक पुस्तक प्रकशित करायी गयी है। इस प्रकाशित पुस्तक में योगदानकर्ताओं को सर्वाधिक महत्व देते हुये एक प्रमुख योगदानकर्ता आशा खेत्रपाल जी से इसके लिये इसकी प्रस्तावना लिखवायी गयी है। 10 फरवरी 2011 को प्रकाशन की इस अनूठी पहल के प्रति साधुवाद अंकित करते हुये आशा जी ने लिखा हैः-


‘‘...इस पुस्तक के लिये प्रस्तावना किसी तो किसी नामी साहित्यकार से लिखवाई जा सकती थी फिर यह सम्मान मुझे क्यों दिया जा रहा है । जब मैने इस बारे में ललित से पूछा तो उन्होंने कहा कि कविताकोश के किसी प्रयोक्ता से ही प्रस्तावना लिखवाना चाहते हैं। कविताकोश और इस पुस्तक का वास्तविक व ईमानदार आंकलन कोश का कोई प्रयोक्ता ही कर सकता है। आज जब मैने प्रस्तावना लिखने के लिये कलम उठा ली है तो लिखते समय मेरा मन गौरव अनुभव कर रहा है।....’’ ''''मोटा पाठ'

इसके अतिरिक्त कोश के योगदानकर्ताओं के लिये एक पृथक अध्याय भी लिखा गया है जिसमें सर्वाधिक रचनाऐं जोडकर योगदान करने वाले सात प्रमुख योगदानकर्ताओं का सचित्र परिचय प्रकाशित किया गया है । कोश में पचास से अधिक रचनाऐं जोडने वाले अन्य बाइस योगदानकर्ताओं का भी ससम्मान उल्लेख किया गया है। जिन योगदानकर्ताओं द्वारा स्वयं रचनाऐं न जोड़कर उसे कविताकोश टीम के माध्यम से कोश में जोड़ा है ऐसे ग्यारह योगदानकर्ताओं के नाम भी प्रमुखता से उद्धृत किये गये हैं। कोश से जुडने वाले नये योगदानकर्ताओं की सहायता की दृष्टि से कम्प्यूटर पर हिंदी में कैसे लिखे ? नामक एक पृथक अध्याय भी जोडा गया है।