गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अपनी आपत्तियों को न करना मुखर मौन धारे रहो / वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
1 byte added
,
13:38, 29 अगस्त 2011
|रचनाकार=वीरेन्द्र खरे 'अकेला'
}}
{{
KKCatGhazal
KKCatNavgeet
}}
<poem>
अपनी आपत्तियों को न करना मुखर मौन धारे रहो
Shrddha
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
3,286
edits