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आठ आठ तीन बार, और सात एक बार,
इकतीस अक्षरों का योग है घनाक्षरी|
 
सोलह-पंद्रह पर, यति का विधान मान
शान जो बढाए वो सु-योग है घनाक्षरी|
 
वर्ण इकतीसवां सदा ही दीर्घ लीजिएगा
काव्य का सुहावना प्रयोग है घनाक्षरी|
 
लगभग सभी ने ही आदि काल से लिखा है
छंदों में तो जैसे राजभोग है घनाक्षरी||