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* [[एक पल ताअल्लुक का वो भी सानेहा जैसा / नश्तर ख़ानकाही]] | * [[एक पल ताअल्लुक का वो भी सानेहा जैसा / नश्तर ख़ानकाही]] | ||
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07:56, 19 सितम्बर 2011 का अवतरण
निश्तर ख़ानक़ाही
जन्म | 1930 |
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जन्म स्थान | बिजनौर, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पाँच ग़ज़ल-संग्रह | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
निश्तर ख़ानक़ाही / परिचय |
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- धड़का था दिल कि प्यार का मौसम गुज़र गया / नश्तर ख़ानकाही
- आप अपनी आग के शोलों में जल जाते थे लोग / नश्तर ख़ानकाही
- क्यों बयाबाँ बयाबाँ भटकता फिरा / नश्तर ख़ानकाही
- क्यों बयाबाँ बयाबाँ भटकता फिरा / नश्तर ख़ानकाही
- तेज़ रौ पानी की तीख़ी धार पर चलते हुए / नश्तर ख़ानकाही
- न मिल सका कहीं ढूँढ़े से भी निशान मेरा / नश्तर ख़ानकाही
- अनजाने हादसात का खटका लगा रहा / नश्तर ख़ानकाही
- सौ बार लौह-ए-दिल से मिटाया गया मुझे / निश्तर ख़ानक़ाही
- संदल के सर्द जंगल से आ-आ के थक गई हवा / नश्तर ख़ानकाही
- एक पल ताअल्लुक का वो भी सानेहा जैसा / नश्तर ख़ानकाही
- अपने ही खेत की मट्टी से जुदा हूँ मैं तो / नश्तर ख़ानकाही
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