भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कलम / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}}<poem>लोग पूजा करते…)
 
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी
 
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी
|संग्रह=
+
|संग्रह=सब के साथ मिल जाएगा / राजेन्द्र जोशी
 
}}
 
}}
 
{{KKCatKavita‎}}<poem>लोग पूजा करते हैं
 
{{KKCatKavita‎}}<poem>लोग पूजा करते हैं

04:00, 28 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

लोग पूजा करते हैं
मूर्तियों की
देवताओं की
मकबरों की
नहीं , हम तो , कलम की पूजा करते हैं !
कौनसी कलम ?
जिसमें स्याही हो
रिफिल हो
जो हमें ऊंचा चढ़ावें
प्रमोशन दिलवावें
किसी संस्था का पदाधिकारी बनवा दें
अखबार में नाम छपवा दें
जिसमें ऐसी ताकत हो
हम तो उसी कलम की पूजा करते हैं !