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"बेकल-2 / नंदकिशोर आचार्य" के अवतरणों में अंतर

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कितने मन्वन्तरों से
 
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                  भटकती
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ले कर मुझे पृथ्वी
 
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अपनी गोद में
 
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—काल यह बेकल है
 
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           किस के लिए ?
 
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20 मार्च 2010
 
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11:19, 6 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

कितने मन्वन्तरों से गुज़र कर
हवा यह
आती है छूने मुझे

कितने मन्वन्तरों का प्रकाश
खोज में रहता है मेरी
करने उजागर मुझ को

अँधेरा कितने मन्वन्तरों का
सुला लेना चाहता है
मुझे अपने में

कितने मन्वन्तरों से
                 भटकती
ले कर मुझे पृथ्वी
अपनी गोद में

कितने मन्वन्तरों से
प्रतीक्षारत है सूना आकाश
मेरे लिए

सभी हैं बेकल

कितने मन्वन्तरों से
मैं भी हूँ बेकल
किसी के लिए

बेकल होना ही काल होना है
—काल यह बेकल है
          किस के लिए ?

20 मार्च 2010