भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"धरा-व्योम / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 11: | पंक्ति 11: | ||
उमड़े जीवन : | उमड़े जीवन : | ||
कहीं नहीं है मरना । | कहीं नहीं है मरना । | ||
+ | |||
+ | '''नारा, जापान, 6 सितम्बर, 1957''' | ||
</poem> | </poem> |
12:53, 9 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
अंकुरित धरा से क्षमा
व्योम से झरी रुपहली करुणा
सरि, सागर, सोते-निर्झर-सा
उमड़े जीवन :
कहीं नहीं है मरना ।
नारा, जापान, 6 सितम्बर, 1957