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पाँच मुक्तक / बालस्वरूप राही
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13:13, 16 जून 2020
मेरा उल्लास उदासी को क़हर होता है
मुझे घिरते हुए अँधियारे की परवाह क्या
मेरी हर
बात
रात
का अंजाम सहर होता है
2.
Sharda suman
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