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"मैं जीवन हूँ / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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वो जो
 
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फटे-पुराने जूते गाँठ रहा है
 
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वो भी मैं हूँ |
 
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वो जो घर-घर
 
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धूप की चाँदी बाँट रहा है
 
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वो भी मैं हूँ |
 
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वो जो
 
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उड़ते परों से अम्बर पात रहा है
 
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वो भी मैं हूँ |
 
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वो जो
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हरी-भरी आँखों को काट रहा है
 
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वो भी मैं हूँ |
 
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सूरज-चाँद
 
सूरज-चाँद
 
 
निगाहें मेरी
 
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साल-महीने राहें मेरी |
 
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कल भी मुझमे
 
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आज भी मुझमे
 
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चारों ओर दिशाएँ मेरी |
 
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अपने-अपने
 
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आकारों में
 
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जो भी चाहे भर ले मुझको |
 
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जिनमे जितना समा सकूँ मैं
 
जिनमे जितना समा सकूँ मैं
 
 
उतना
 
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अपना कर ले मुझको |
 
अपना कर ले मुझको |
 
  
 
हर चेहरा है मेरा चेहरा
 
हर चेहरा है मेरा चेहरा
 
 
बेचेहरा इक दर्पण हूँ मैं
 
बेचेहरा इक दर्पण हूँ मैं
 
 
मुट्ठी हूँ मैं
 
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जीवन हूँ मैं |
 
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19:03, 11 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण

वो जो
फटे-पुराने जूते गाँठ रहा है
वो भी मैं हूँ |

वो जो घर-घर
धूप की चाँदी बाँट रहा है
वो भी मैं हूँ |

वो जो
उड़ते परों से अम्बर पात रहा है
वो भी मैं हूँ |

वो जो
हरी-भरी आँखों को काट रहा है
वो भी मैं हूँ |

सूरज-चाँद
निगाहें मेरी
साल-महीने राहें मेरी |

कल भी मुझमे
आज भी मुझमे
चारों ओर दिशाएँ मेरी |

अपने-अपने
आकारों में
जो भी चाहे भर ले मुझको |

जिनमे जितना समा सकूँ मैं
उतना
अपना कर ले मुझको |

हर चेहरा है मेरा चेहरा
बेचेहरा इक दर्पण हूँ मैं
मुट्ठी हूँ मैं
जीवन हूँ मैं |