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"चुक गया दिन / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर
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20:40, 30 जुलाई 2012 के समय का अवतरण
'चुक गया दिन'—एक लम्बी साँस
उठी, बनने मूक आशीर्वाद—
सामने था आर्द्र तारा नील,
उमड़ आई असह तेरी याद !
हाय, यह प्रति दिन पराजय दिन छिपे के बाद !
चम्पानेर (रेल में), 23 सितम्बर, 1939