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"गंगा की लहर / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

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दृढ शिव-जूट जकड़ है.
 
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गंगा की लहर अमर है.
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          बाँध न शंकर
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          अपने सिर पर,
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यह धरती का वर है.
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          गंगा की,
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गंगा की लहर अमर है.
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          जह्नु न हठकर
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          अपने मुख धर,
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तृपित जगत्-अंतर है.
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        गंगा की,
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गंगा की लहर अमर है.
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        एक धार जल     
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        देगा क्या फल?
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भूतल सब ऊसर है.
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        गंगा की,
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गंगा की लहर अमर है.                     
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        लक्ष धार हो
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        भूपर विचरो,
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जग में बहुत जहर है.
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        गंगा की,
 
गंगा की लहर अमर है.
 
गंगा की लहर अमर है.

13:41, 14 सितम्बर 2012 का अवतरण

गंगा की लहर अमर है,
          गंगा की.
          
          धन्य भगीरथ
          के तप का पथ.
गगन कँपा थरथर है.
          गंगा की,
गंगा की लहर अम्र है.

          नभ से उतरी
          पावन पुतरी,
दृढ शिव-जूट जकड़ है.
          गंगा की,
गंगा की लहर अमर है.
          बाँध न शंकर
          अपने सिर पर,
यह धरती का वर है.
          गंगा की,
गंगा की लहर अमर है.

          जह्नु न हठकर
          अपने मुख धर,
तृपित जगत्-अंतर है.
         गंगा की,
गंगा की लहर अमर है.

         एक धार जल
         देगा क्या फल?
भूतल सब ऊसर है.
         गंगा की,
गंगा की लहर अमर है.

         लक्ष धार हो
         भूपर विचरो,
जग में बहुत जहर है.
         गंगा की,
गंगा की लहर अमर है.