भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मह लक़ा 'चंदा'" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 14: | पंक्ति 14: | ||
}} | }} | ||
{{KKShayar}} | {{KKShayar}} | ||
+ | ====ग़ज़लें==== | ||
* [[आलम तेरी निगह से है सरशार देखना / मह लक़ा 'चंदा']] | * [[आलम तेरी निगह से है सरशार देखना / मह लक़ा 'चंदा']] | ||
* [[दिल हो गया है ग़म से तेरे दाग़-दार ख़ूब / मह लक़ा 'चंदा']] | * [[दिल हो गया है ग़म से तेरे दाग़-दार ख़ूब / मह लक़ा 'चंदा']] |
02:55, 1 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण
मह लक़ा 'चंदा'
जन्म | 1768 |
---|---|
निधन | 1820 |
जन्म स्थान | हैदराबाद, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
मह लक़ा 'चंदा' / परिचय |
ग़ज़लें
- आलम तेरी निगह से है सरशार देखना / मह लक़ा 'चंदा'
- दिल हो गया है ग़म से तेरे दाग़-दार ख़ूब / मह लक़ा 'चंदा'
- दिल में मेरे फिर ख़याल आता है आज / मह लक़ा 'चंदा'
- गरचे गुल की सेज हो तिस पर भी उड़ जाती है नींद / मह लक़ा 'चंदा'
- हुए जनाब में अब तक न मेरे हम गुस्ताख़ / मह लक़ा 'चंदा'
- न गुल से है ग़रज तेरे न है गुलज़ार से मतलब / मह लक़ा 'चंदा'
- रहे रक़ीब से बाहम वो सीम-बर महज़ूज़ / मह लक़ा 'चंदा'
- साक़ी है गरचे बे-शुमार शराब / मह लक़ा 'चंदा'
- रखते हैं मेरे अश्त से ये दीदा-ए-तर फ़ैज़ / मह लक़ा 'चंदा'