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अली सरदार जाफ़री
![Jafri sardar.jpg](/kk/images/d/d7/Jafri_sardar.jpg)
जन्म | |
---|---|
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
‘परवाज़’ (1944), ‘जम्हूर’ (1946), ‘नई दुनिया को सलाम’ (1947), ‘ख़ूब की लकीर’ (1949), ‘अम्मन का सितारा’ (1950), ‘एशिया जाग उठा’ (1950), ‘पत्थर की दीवार’ (1953), ‘एक ख़्वाब और (1965) पैराहने शरर (1966), ‘लहु पुकारता है’ (1978), मेरा सफ़र (1999) | |
विविध | |
इन्हें 1997 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । | |
जीवन परिचय | |
अली सरदार जाफ़री / परिचय |
संग्रह
ग़ज़लें
- मैं और मेरी तन्हाई / अली सरदार जाफ़री
- मेरी वादी में वो इक दिन यूँ ही आ निकली थी / अली सरदार जाफ़री
- एक जू-ए-दर्द दिल से जिगर तक रवाँ है आज / अली सरदार जाफ़री
- सिर्फ़ लहरा के रह गया आँचल / अली सरदार जाफ़री
- फिर एक दिन ऐसा आयेगा / अली सरदार जाफ़री
- अभी और तेज़ कर ले सर-ए-ख़न्जर-ए-अदा को / अली सरदार जाफ़री
- काम अब कोई न आयेगा बस इक दिल के सिवा / अली सरदार जाफ़री
- तू मुझे इतने प्यार से मत देख / अली सरदार जाफ़री
- मैं जहाँ तुम को बुलाता हूँ वहाँ तक आओ / अली सरदार जाफ़री
- एलान-ए-जंग / अली सरदार जाफ़री
- मैं हूँ सदियों का तफ़क्कुर / अली सरदार जाफ़री
- शिकस्त-ए-शौक को तामील-ए-आरजू कहिये / अली सरदार जाफ़री
- मां है रेशम के कारखाने में / अली सरदार जाफ़री
- आवारा हैं गलियों में मैं और मेरी तन्हाई / अली सरदार जाफ़री
- लम्हों के चराग़ / अली सरदार जाफ़री
- फिर वही माँगे हुए लम्हे / अली सरदार जाफ़री
- तुम से बेरंगी-ए-हस्ती का गिला करना था / अली सरदार जाफ़री
- दबी हुई है मेरे लबों में कहीं / अली सरदार जाफ़री
- दयार-ए-ग़ैर में कोई जहाँ न अपना हो / अली सरदार जाफ़री
- तुम्हारे लहजे में जो गर्मी-ओ-हलावत है / अली सरदार जाफ़री
- शाम होती है सहर होती है ये वक़्त-ए-रवाँ / अली सरदार जाफ़री
- आवो कि जश्न-ए-मर्ग-ए-मुहब्बत मनायें हम / अली सरदार जाफ़री
- आवारा हैं गलियों में मैं और मेरी तनहाई / अली सरदार जाफ़री