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"अहेरी / अचल वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर

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मैंने भोर की धूप को
 
मैंने भोर की धूप को

15:35, 27 अक्टूबर 2007 का अवतरण

मैंने भोर की धूप को

कुछ पल देखा

फिर उसके गुलाब झर गए

आसावरी थम गई


मेरे अन्तर्मन

न जाने क्यों तुम में

एक अहेरी प्रभाव रहता है