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+ | '''मैं शारदा सुमन कविता कोश के उप-निदेशक का पद मिलने के बाद से ही अपने बारे में कुछ बात करने की इच्छुक थी लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों और अपने काम की वजह से थोड़ी सी देर हो गई. इसलिए आज सभी का आभार व्यक्त करना चाहती हूँ. मुझे ये बात बताते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है कि कविता कोश और गद्य कोश को पढ़ने वाले बहुत से पाठकों और मेरे मित्रों की बधाइयाँ अभी तक मेरे पास आ रही हैं.''' | ||
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+ | '''इस मौके पर सबसे पहले मुझे मेरी माँ याद आ रही हैं जिन्होंने हमेशा मुझे अपने परिवार के प्रति समर्पित रहने की सीख देते हुए कुछ करने की प्रेरणा दी. मैं अपने परिवार के सहयोग के बिना कभी भी इस जिम्मेदारी को नहीं निभा सकती थी. मेरे पति और मेरे बेटे ने भी मुझे हमेशा इस जिम्मेदारी को वहन करने के लिए प्रेरित किया. इस काम की शुरुआत भी दरअसल मैं अपने पति की प्रेरणा से हीं कर पाई. उन्होंने जीवन में हरेक कदम पर मेरा पूरा साथ दिया है. साथ हीं मेरी दोनों बहनों ने भी हमेशा मुझ पर भरोसा रखते हुए मेरा साथ दिया. यही वजह है कि मैं घर परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ कविता कोश की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा पा रही हूँ.''' | ||
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13:38, 25 दिसम्बर 2013 का अवतरण
शारदा सुमन
उप निदेशक
(Deputy Director)
कविता कोश
उप-भाषाओं व बोलियों के विभाग की कार्यकारी संपादक
पति - प्रणव कुमार
माँ - स्व.कुमारी आशा
जन्म - 05/04/1974
जन्म-स्थान - धरमपुर, समस्तीपुर, बिहार
शिक्षा - एम.ए.(हिंदी),बी.एड
संपर्क - sumansharda5@gmail.com
मैं शारदा सुमन कविता कोश के उप-निदेशक का पद मिलने के बाद से ही अपने बारे में कुछ बात करने की इच्छुक थी लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों और अपने काम की वजह से थोड़ी सी देर हो गई. इसलिए आज सभी का आभार व्यक्त करना चाहती हूँ. मुझे ये बात बताते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है कि कविता कोश और गद्य कोश को पढ़ने वाले बहुत से पाठकों और मेरे मित्रों की बधाइयाँ अभी तक मेरे पास आ रही हैं.
इस मौके पर सबसे पहले मुझे मेरी माँ याद आ रही हैं जिन्होंने हमेशा मुझे अपने परिवार के प्रति समर्पित रहने की सीख देते हुए कुछ करने की प्रेरणा दी. मैं अपने परिवार के सहयोग के बिना कभी भी इस जिम्मेदारी को नहीं निभा सकती थी. मेरे पति और मेरे बेटे ने भी मुझे हमेशा इस जिम्मेदारी को वहन करने के लिए प्रेरित किया. इस काम की शुरुआत भी दरअसल मैं अपने पति की प्रेरणा से हीं कर पाई. उन्होंने जीवन में हरेक कदम पर मेरा पूरा साथ दिया है. साथ हीं मेरी दोनों बहनों ने भी हमेशा मुझ पर भरोसा रखते हुए मेरा साथ दिया. यही वजह है कि मैं घर परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ कविता कोश की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा पा रही हूँ.
यह सदस्य कविता कोश टीम में शामिल है। «प्रमाण» |
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