"हमारा प्यारा हिन्दुस्तान / गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'" के अवतरणों में अंतर
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जिसको लिए गोद में सागर, | जिसको लिए गोद में सागर, | ||
− | हिम-किरीट शोभित है सर | + | हिम-किरीट शोभित है सर पर। |
जहाँ आत्म-चिन्तन था घर-घर, | जहाँ आत्म-चिन्तन था घर-घर, | ||
− | पूरब-पश्चिम दक्षिण- | + | पूरब-पश्चिम दक्षिण-उत्तर॥ |
− | जहाँ से फैली ज्योति | + | जहाँ से फैली ज्योति महान। |
− | हमारा प्यारा | + | हमारा प्यारा हिन्दुस्तान॥ |
जिसके गौरव-गान पुराने, | जिसके गौरव-गान पुराने, | ||
− | जिसके वेद-पुरान | + | जिसके वेद-पुरान पुराने। |
सुभट वीर-बलवान पुराने, | सुभट वीर-बलवान पुराने, | ||
− | भीम और हनुमान | + | भीम और हनुमान पुराने॥ |
− | जानता जिनको एक | + | जानता जिनको एक जहान। |
− | हमारा प्यारा | + | हमारा प्यारा हिन्दुस्तान॥ |
जिसमें लगा है धर्म का मेला, | जिसमें लगा है धर्म का मेला, | ||
− | ज्ञात बुद्ध जो रहा | + | ज्ञात बुद्ध जो रहा अकेला। |
खेल अलौकिक एक सा खेला, | खेल अलौकिक एक सा खेला, | ||
− | सारा विश्व हो गया | + | सारा विश्व हो गया चेला॥ |
− | मिला गुरु गौरव | + | मिला गुरु गौरव सम्मान। |
− | हमारा प्यारा | + | हमारा प्यारा हिन्दुस्तान॥ |
गर्वित है वह बलिदानों पर, | गर्वित है वह बलिदानों पर, | ||
− | खेलेगा अपने प्रानों | + | खेलेगा अपने प्रानों पर। |
हिन्दी तेगे है सानों पर, | हिन्दी तेगे है सानों पर, | ||
− | हाथ धरेगा अरि कानों | + | हाथ धरेगा अरि कानों पर॥ |
− | देखकर बाँके वीर | + | देखकर बाँके वीर जवान। |
− | हमारा प्यारा | + | हमारा प्यारा हिन्दुस्तान॥ |
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16:57, 4 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
जिसको लिए गोद में सागर,
हिम-किरीट शोभित है सर पर।
जहाँ आत्म-चिन्तन था घर-घर,
पूरब-पश्चिम दक्षिण-उत्तर॥
जहाँ से फैली ज्योति महान।
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान॥
जिसके गौरव-गान पुराने,
जिसके वेद-पुरान पुराने।
सुभट वीर-बलवान पुराने,
भीम और हनुमान पुराने॥
जानता जिनको एक जहान।
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान॥
जिसमें लगा है धर्म का मेला,
ज्ञात बुद्ध जो रहा अकेला।
खेल अलौकिक एक सा खेला,
सारा विश्व हो गया चेला॥
मिला गुरु गौरव सम्मान।
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान॥
गर्वित है वह बलिदानों पर,
खेलेगा अपने प्रानों पर।
हिन्दी तेगे है सानों पर,
हाथ धरेगा अरि कानों पर॥
देखकर बाँके वीर जवान।
हमारा प्यारा हिन्दुस्तान॥