|संग्रह=काका तरंग / काका हाथरसी
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{{KKCatKavita}}<poem>साहब हो गए 58 पर रिटायर<br>क्योंकि, कानून की दृष्टि में<br>उनकी बुद्धि हो गई थी ऐक्सपायर<br>लेकिन हमारे सिर पर सवार हैं-<br>साठोत्तर प्रधानमंत्री और 81 वर्षीय राष्ट्रपति<br>वे क्यों नहीं होते रिटायर ?<br>चुप रहो, तुम नहीं जानते इसका कारण,<br>यह है हमारी सहनशीलता का प्रत्यक्ष उदाहरण<br>नेताओं की भाँति कवि और शायर भी कभी नहीं होते रिटायर। <br>अपन 85 में चल रहे हैं, फिर भी कविता लिख रहे हैं। इस उम्र में भी काका पर फिदा हैं आकाशवाणी और दूरदर्शन।</poem>