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चीर भरा पाजामा / त्रिलोचन

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देती है मिथ्याभिमान को। यही त्रिलोचन <br>
है, सब में, अलगाया भी, प्रिय है आलोचन।<br><br>
(कविता संग्रह 'उस जनपद का कवि हूँ' से)