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क्या तो अर्थ / प्रमोद कुमार तिवारी
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15:39, 8 जुलाई 2014
अपने सीने में
उस बियाबान में जहाँ परिंदे तक नहीं दिखते
धप्पि
धप्प
से आकर
मूँद लेते हो तुम मेरी आँखें
जाने कितनी बार देखा है
Sharda suman
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