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|जन्मस्थान=वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत
 
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|मृत्यु=14 जनवरी 1937
 
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|विविध=हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। प्रसाद जी ने हिंदी काव्य में छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ी बोली के काव्य में कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई और वह काव्य की सिद्ध भाषा बन गई।
 
|अंग्रेज़ीनाम=Jaishankar Prasad, Jai Shankar Prasad, Kamayani, Jharna, Lahar, Aansoo, Kanan Kusum
 
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|जीवनी=[[जयशंकर प्रसाद / परिचय]]
 
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जयशंकर प्रसाद
www.kavitakosh.org/prasad
Jaishankar Prasad.jpg
जन्म 30 जनवरी 1889
निधन 14 जनवरी 1937
उपनाम
जन्म स्थान वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
कामायनी, आँसू, कानन-कुसुम, प्रेम पथिक, झरना, लहर
विविध
हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। प्रसाद जी ने हिंदी काव्य में छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ी बोली के काव्य में कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई और वह काव्य की सिद्ध भाषा बन गई।
जीवन परिचय
जयशंकर प्रसाद / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/prasad

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