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"चन्दा मामा का गीत / रमेश रंजक" के अवतरणों में अंतर

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नखरे बड़े हुज़ूर के
 
नखरे बड़े हुज़ूर के
 
तोड़ रहे हैं छत पर चढ़कर पत्ते बड़े खजूर के ।
 
तोड़ रहे हैं छत पर चढ़कर पत्ते बड़े खजूर के ।
                          चन्दा मामा दूर के ।।
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                              चन्दा मामा दूर के ।।
  
 
नीले-नीले आसमान में
 
नीले-नीले आसमान में
 
दिया जले जैसे मकान में
 
दिया जले जैसे मकान में
 
बैठ गए हैं सई-साँझ से रंग लिए अमचूर के ।
 
बैठ गए हैं सई-साँझ से रंग लिए अमचूर के ।
                        चन्दा मामा दूर के ।।
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                            चन्दा मामा दूर के ।।
  
 
सीढ़ी-सीढ़ी चढ़ते जाते
 
सीढ़ी-सीढ़ी चढ़ते जाते
 
धीरे-धीरे बढ़ते जाते
 
धीरे-धीरे बढ़ते जाते
 
इतने बढ़ जाते हैं जैसे फुलके हों तन्दूर के ।
 
इतने बढ़ जाते हैं जैसे फुलके हों तन्दूर के ।
                        चन्दा मामा दूर के ।।
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                          चन्दा मामा दूर के ।।
  
 
कभी दिखें नाख़ून बराबर
 
कभी दिखें नाख़ून बराबर
 
कभी दिखें फूटी-सी गागर
 
कभी दिखें फूटी-सी गागर
 
कभी-कभी हफ़्तों छिप जाते मारे किसी गरूर के
 
कभी-कभी हफ़्तों छिप जाते मारे किसी गरूर के
                          चन्दा मामा दूर के ।।
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                              चन्दा मामा दूर के ।।
 
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12:51, 18 अगस्त 2014 का अवतरण

चन्दा मामा दूर के
नखरे बड़े हुज़ूर के
तोड़ रहे हैं छत पर चढ़कर पत्ते बड़े खजूर के ।
                              चन्दा मामा दूर के ।।

नीले-नीले आसमान में
दिया जले जैसे मकान में
बैठ गए हैं सई-साँझ से रंग लिए अमचूर के ।
                            चन्दा मामा दूर के ।।

सीढ़ी-सीढ़ी चढ़ते जाते
धीरे-धीरे बढ़ते जाते
इतने बढ़ जाते हैं जैसे फुलके हों तन्दूर के ।
                           चन्दा मामा दूर के ।।

कभी दिखें नाख़ून बराबर
कभी दिखें फूटी-सी गागर
कभी-कभी हफ़्तों छिप जाते मारे किसी गरूर के
                              चन्दा मामा दूर के ।।