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"अग्निधर्म / कन्हैयालाल नंदन" के अवतरणों में अंतर

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15:46, 21 जुलाई 2006 का अवतरण

लेखक: कन्हैयालाल नंदन

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अंगारे को तुमने छुआ
और हाथ में फफोला नहीं हुआ
इतनी सी बात पर
अंगारे पर तोहमत मत लगाओ.

जरा तह तक जाओ
आग भी कभी-कभी
आपद्धर्म निभाती है
और जलने वाले की क्षमता देखकर जलाती है.