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कहो तो लौट जाते हैं / वसी शाह

No change in size, 18:13, 28 नवम्बर 2014
कहो तो लौट जाते हैं…
चलो एक फैसला करने शजर की ओर जाते हैं
अभी काजल की डोरी सूर्ख़ सुर्ख़ गालों तक नहीं आई
ज़बाँ दातों तलक है, ज़हर प्यालों तक नहीं आई
अभी तो मुश्क-ए-कस्तूरी ग़ज़ालों तलक नहीं आई
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