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मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
रचनाकार | लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा |
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प्रकाशक | साझा प्रकाशन, काठमाण्डौ, वर्ष: वि.सं १९९६ (इस्वी सन १९४०) प्रथम पटक, वि.सं २०६५ इस्वी सन् २००९ पच्चीसौँ पटक |
वर्ष | |
भाषा | नेपाली |
विषय | गीति नाटक |
विधा | खण्ड-काव्य |
पृष्ठ | ४० |
ISBN | 978 999332690 8 |
विविध | मुना मदन सबैभन्दा बढी बिक्री भएको नेपाली पुस्तक हो। यो हालसम्म करिब ६ लाख प्रति प्रकाशित भई बिक्री भएको छ। |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- समर्पण / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- सज्जनवर्गका प्रति / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- मदन भोट जाने बेलामामुना / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- मदन भोट जान्छन् / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- मदन भोट जान्छन् - १ / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- मदन भोट जान्छन् - २ / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- मदनलाई बाटामा हैजा लाग्छ / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
गीत
- वैशाखको पूर्णिमा / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- पानीले पान्यो आकाश नीलो / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- राता र नीला पहेँला फूल वनमा फुल्दछन् / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- मदनकी आमा / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- कुतीमा यौटा पीपल ठूलो / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- शहरभित्र केको हो यस्तो / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- ‘के देख्न आएँ? हे मेरी आमा! / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- ‘भन न भन हे मेरी दिदी! / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- मदन त्यसै थलामा परे / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- बादल फाट्यो, चन्द्रमा हाँसी / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा
- आँखाको धूलो पखालिहाल्यौ हे भाइ! बहिनी! / मुना मदन / लक्ष्मीप्रसाद देवकोटा