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"घाँसी / भानुभक्त आचार्य" के अवतरणों में अंतर
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08:19, 14 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
भर् जन्म घाँस तिर मन् दिई धन कमायो
नाम क्यै रहोस् पछि भनेर कुवा खनायो
घाँसी दरिद्र घरको तर बुद्धि कस्तो
म भानुभक्त धनी भैकन किन यस्तो ।
मेरा ईनार न त सत्तल पाटिकै छन्
जे धन चीजहरु छन् घर भित्रनै छन्
त्यस घाँसीले कसरी आज दिए छ अर्ति
धिक्कार हो म कन बस्नु न राखि किर्ति ।