Changes

मधुर जीवन हुआ कुछ प्राण! जब से
लगा ढोने व्यथा का भार हूँ मैं
रुंदन अनमोल धन कवि का, इसी सेपिरोता आँसुओं का हार हूँ मैं
मुझे क्या गर्व हो अपनी विभा का
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,142
edits