Changes

}}
[[Category:छंद]]
<poem>
उपजेगी द्विजाति में रावण से मदनान्ध अघी नर-नारि-रखा।
 
रिपु होंगे सभी निज भाइयों के धन धान्यहिं छीने के आप-चखा।
 
यदि पास तलाक हुई तो सुनो हमने 'वचनेश` भविष्य लखा।
 
फिर होंगी नहीं यहाँ सीता सती मड़रायेंगी देश में सूपनखा।।
 
-(परिहास, पृ०-२८)वचनेश
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,131
edits