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"दीपनिष्ठा को जगाओ / बालकवि बैरागी" के अवतरणों में अंतर
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05:32, 19 फ़रवरी 2008 के समय का अवतरण
यह घड़ी बिल्कुल नहीं है शांति और संतोष की
‘सूर्यनिष्ठा’ सम्पदा होगी गगन के कोष की
यह धरा का मामला है घोर काली रात है
कौन जिम्मेदार है यह सभी को ज्ञात है
रोशनी की खोज में किस सूर्य के घर जाओगे
‘दीपनिष्ठा’ को जगाओ अन्यथा मर जाओगे।।