"सूनी साँझ / शिवमंगल सिंह ‘सुमन’" के अवतरणों में अंतर
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{KKGlobal}} | |
− | + | {{KKRachna | |
− | + | |रचनाकार=शिवमंगल सिंह सुमन | |
− | + | |संग्रह= | |
− | + | }} | |
− | + | ||
बहुत दिनों में आज मिली है<br> | बहुत दिनों में आज मिली है<br> | ||
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम ।<br><br> | साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम ।<br><br> |
20:35, 25 मई 2009 का अवतरण
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम ।
पेड खडे फैलाए बाँहें
लौट रहे घर को चरवाहे
यह गोधुली, साथ नहीं हो तुम,
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम ।
कुलबुल कुलबुल नीड-नीड में
चहचह चहचह मीड-मीड में
धुन अलबेली, साथ नहीं हो तुम,
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम ।
जागी-जागी सोई-सोई
पास पडी है खोई-खोई
निशा लजीली, साथ नहीं हो तुम,
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम ।
ऊँचे स्वर से गाते निर्झर
उमडी धारा, जैसी मुझपर-
बीती झेली, साथ नहीं हो तुम,
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम ।
यह कैसी होनी-अनहोनी
पुतली-पुतली आँख मिचौनी
खुलकर खेली, साथ नहीं हो तुम,
बहुत दिनों में आज मिली है
साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम ।