"रुस्तम" के अवतरणों में अंतर
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+ | * [[सब दरवाज़े बन्द हैं / रुस्तम]] | ||
+ | * [[मुझ पर रहम कर / रुस्तम]] | ||
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+ | * [[अब, इस वक़्त, यहाँ / रुस्तम]] | ||
+ | * [[प्रेम मिलने के साथ / रुस्तम]] | ||
+ | * [[गुलाब भी थे / रुस्तम]] | ||
+ | * [[नीली गली में / रुस्तम]] | ||
+ | मेरी आँखों में | ||
+ | हवा आती है और जाती है | ||
+ | शहर - 3 | ||
+ | शहर - 4 | ||
+ | चट्टान | ||
+ | भूरी चट्टान के भीतर | ||
+ | कल्पना में अस्थिर जीवन | ||
+ | दर्पण तुम्हारे बिना | ||
+ | श्वेत पत्थर पर | ||
+ | रोशनियों की लड़ी है | ||
+ | बिम्ब थक भी जाते हैं | ||
+ | पुरखे | ||
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+ | तुम नहीं हो | ||
+ | तुम ही तोड़ गए थे | ||
+ | तब भी, इस बाहुल्य में | ||
+ | इस रात | ||
+ | प्रेम | ||
+ | अन्ततः वे सब | ||
+ | इसी बिन्दु पर | ||
+ | ऐसा लग रहा है | ||
+ | शाम - 1 | ||
+ | तुम्हारे नहीं होने | ||
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+ | भय - 1 | ||
+ | मुझे याद दिलाओ | ||
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+ | तुम चली जाती थीं 58 | ||
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+ | स्वाँग 61 | ||
+ | सम्बन्ध 62 | ||
+ | शहर नया था 63 | ||
+ | नदी 65 | ||
+ | लोग सपनों की बातें करते थे 72 | ||
+ | लोग मिलते थे 73 | ||
+ | क्योंकर तुमने? 74 | ||
+ | बच्चे 76 | ||
+ | सूर्य में से 77 | ||
+ | सिर्फ़ एक पत्ते पर 78 | ||
+ | पत्ते की शिराएँ 79 | ||
+ | पत्ते की शिराओं में 80 | ||
+ | नीम के पत्ते 81 | ||
+ | कऊआ उदास था 82 | ||
+ | कभी-कभी ऐसा लगता है 83 | ||
+ | तुम थक जाते हो जीवन से 84 | ||
+ | समुद्र µ 2 85 | ||
+ | समुद्र µ 3 87 | ||
+ | समुद्र µ 4 88 | ||
+ | एक जीवन तुम जीना चाहते थे 89 | ||
+ | कुछ चीज़ें छोड़ देना चाहता था 90 |
01:43, 26 नवम्बर 2017 का अवतरण
जन्म | |
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जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
पाँच साल सेना में अफ़सर रहे। राजनीतिक परिवर्तनों पर अपने गम्भीर लेखों के लिए चर्चित। | |
जीवन परिचय | |
रुस्तम / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- फ़ाइलें / रुस्तम
- बरामदे / रुस्तम
- छोटी-सी गिलहरी / रुस्तम
- फिर भी हम ढूँढते हैं / रुस्तम
- कोई जवाब नहीं मिलेगा / रुस्तम
- सब-कुछ तैयार है हमारे लिए / रुस्तम
- कैसे ज़िन्दा रहता होगा / रुस्तम
- टोहाना-1989 / रुस्तम
- या वे केवल रातें हैं / रुस्तम
- अपनी-अपनी गति / रुस्तम
- उसकी क्या कहें / रुस्तम
- इसी पुराने घर को / रुस्तम
- हाँ, मैं तुम्हारा बच्चा हूँ / रुस्तम
- ऐसे तो नहीं जाने दूँगा / रुस्तम
- सब दरवाज़े बन्द हैं / रुस्तम
- मुझ पर रहम कर / रुस्तम
- कुछ शब्द / रुस्तम
- अब, इस वक़्त, यहाँ / रुस्तम
- प्रेम मिलने के साथ / रुस्तम
- गुलाब भी थे / रुस्तम
- नीली गली में / रुस्तम
मेरी आँखों में हवा आती है और जाती है शहर - 3 शहर - 4 चट्टान भूरी चट्टान के भीतर कल्पना में अस्थिर जीवन दर्पण तुम्हारे बिना श्वेत पत्थर पर रोशनियों की लड़ी है बिम्ब थक भी जाते हैं पुरखे सुगन्धें तुम नहीं हो तुम ही तोड़ गए थे तब भी, इस बाहुल्य में इस रात प्रेम अन्ततः वे सब इसी बिन्दु पर ऐसा लग रहा है शाम - 1 तुम्हारे नहीं होने मैंने छोड़ने पर सोचा है भय - 1 मुझे याद दिलाओ काँपते हुए 54 चेहरा 55 आज फिर मैंने 56 तुम चली जाती थीं 58 नीला 59 स्वाँग 61 सम्बन्ध 62 शहर नया था 63 नदी 65 लोग सपनों की बातें करते थे 72 लोग मिलते थे 73 क्योंकर तुमने? 74 बच्चे 76 सूर्य में से 77 सिर्फ़ एक पत्ते पर 78 पत्ते की शिराएँ 79 पत्ते की शिराओं में 80 नीम के पत्ते 81 कऊआ उदास था 82 कभी-कभी ऐसा लगता है 83 तुम थक जाते हो जीवन से 84 समुद्र µ 2 85 समुद्र µ 3 87 समुद्र µ 4 88 एक जीवन तुम जीना चाहते थे 89 कुछ चीज़ें छोड़ देना चाहता था 90